हे सब धर्मों के आदि देव,
हे अखिल विश्व के प्रतिपालक।
हे आत्मशान्ति के महापुंज,
हे जगतपिता जगसंचालक।
देे हमें वेदव्रत का साहस,
दे हमें बु( का महाज्ञान।
भर हम में ईसा का महत्व,
दे हमें मुहम्मद का ईमान।
अहिंसा-पोषण महावीर,
भक्ति-मार्गी नानक, कबीर,
हम मनन, प्रचार, प्रसार करें,
वचनामृत जो कह गए पीर।
सम्मान करें हम गीता का,
बाईबल, कुरान, ओमपद का,
गुरुग्रन्थ, त्रिपिटक, अवेस्ता का,
हर धर्म और हर मजहब का।
पारसी-बहाई-बौ(-जैन
हिन्दु-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई,
हो सर्वधर्म-समभाव सरस।
मानव-मानव है सब भाई।